किसी के रूठने और गुस्सा होने में बहुत फर्क होता है
किसी के रूठने और गुस्सा होने में बहुत फर्क होता है
यदि कोई इंसान आपसे बहुत प्यार करता है, जो आपको अपनी जिंदगी मानता है लेकिन शायद आपकी कोई बात या आदत ऐसी हो या आपको पता हो फिर भी आप ऐसा कोई काम करो जो शायद उसे पसंद ना हो फिर भी आप करो तो उसका आपसे गुस्सा होना या रूठना तो लाज़मी है
जब कोई इंसान गुस्सा होता है तो वह गुस्सा किसी भी प्रकार से निकाल देता है सामने वाले को चिल्लाकर, डांटकर या गुस्सा ज्यादा आने पर शायद उस इंसान का हाथ भी उठ जाये | गुस्से में ज्यादातर कोई भी खुद को इतना नुकसान नहीं पहुँचता, वह सामने वाले पर ही action लेता है|
लेकिन जब इंसान रूठता है तो वह सामने वाले पर कोई action नहीं लेता, वो उम्मीद करता है की आप समझोगे अपनी गलती को और आप उससे बात करने आओगे, उसे मनाओगे| पर यदि आपको लगता है की जो आपने किया वह गलती नहीं है शायद आप थोड़े ego में आजाओ| और वैसा नहीं करो जैसा की वह आपसे expect करता है तब वह heart होता है| उसका मन और उदास हो जाता है उसके मन में थोड़ी तड़प होने लगती है|
यदि आप अभी भी उसके आवभाव से उसकी मनोदशा नहीं समझते और अपने ego में आकर उसके लिए कोई कोशिश नहीं करते तब वह अंदर ही अंदर रोता है| उसे अब हर साँस के साथ घुटन होती है उसे महसूस होता है की आप अब वह इंसान नहीं जो कभी उसका हुआ करता था|
और जब किसी इंसान को घुटन होने लगती है जब उसे मानसिक तनाव होने लगता है जब वह पूरी तरह depression में होता है| तब उसे जिंन्दगी मौत से भी ज्यादा दर्दनाक लगती है| उसे जिंदगी ख़तम करने का ख्याल तक आने लगते है| वह पूरी तरह से टूट जाता है|
यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है या आपकी वजह से कोई इस स्थिति से गुजर रहा है तो महसूस करो और please अपने ego को रिश्तों में मत आने दो ego रिश्तों को खत्म कर देता है जो आपको प्यार करते है उनका ख्याल रखें| खामोशियो को समझना सीखें|
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